।। श्री हरी ।।
"श्री प्रभु का जितना नाम होगा, आपका उतना अधिक काम होगा"
कलयुग केवल नाम अधारा, सिमर-सिमर नर उतरहिं पारा" अर्थात कलियुग में केवल भगवान के नाम का जाप ही मनुष्य को संसार के गहरे समुद्र से पार लगाने के लिए पर्याप्त है।


दुख, क्लेश, संघर्ष और चिंता के इस युग, कलयुग में भगवान के पवित्र नाम का जाप हमारी सभी समस्याओं और चिंताओं से मुक्ति दिला सकता है।
हालाँकि, यह ध्यान रखना उचित होगा कि व्यक्ति विश्वास और समझ के साथ जप करें और कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें जिससे जल्द से जल्द आपके समस्त कार्य पूर्ण हो। आपके लिए वर्धनम संस्थान पूर्ण श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरी के आशीर्वाद से व्यक्ति के विशेष लाभ के लिए
- नामजप 108 मोती की तुलसी माला
- गोमुखी (तुलसी माला बैग)
- व्यक्ति के विराजमान होने के लिए आसान
- गोपी चंदन एवं टीका

अपने इष्ट प्रभु की प्राप्ति एवं समस्त दुखों के नाश के लिए, घर बैठें प्राप्त करें पूर्ण नाम जप माला सेट जिसमे आपको 108 दाने की तुलसी माला, गोमुखि, आसान, गोपी चंदन, एवं हरी टीका मिलेगा।
"श्री नाम जप माला सेट"
श्री नाम जप माला सेट
आइए जानते है, उक्त वस्तुओं की विशेषताएं:
- तुलसी भगवान को अधिक प्रिय है, इसलिए जप करते समय तुलसी माला का ही प्रयोग करना चाहिए ।
- गोमुखी (माला बैग), जप करते समय माला को दिखाना नही चाहिए इसलिए बैग में डालकर ही जप करना चाहिए।
- साधक को केवल अपने ही आसान पर बैठ कर ध्यान मुद्रा में जप करना चाहिए ।
- चंदन टीका, हमारे मन को एकाग्र और भगवान श्री से जोड़ने में मदद करता है।
जिस राम नाम के प्रभाव से पत्थर पानी में तैरने लगते है, उसी प्रकार भगवान का नाम ही हमें दुखों और पापों से मुक्त कर सर्वोच्च स्थान दिला सकता है। भगवान का केवल नाम जनमानस के संकट, दुख, समस्या का रामबाण औषधि है। इस युग में हर महिला पुरुष को अपने इष्ट अथवा कुलदेवता के नामजाप की कम से कम एक माला प्रतिदिन करना चाहिए। इससे एक ऐसा कवच तैयार हो जाएगा जो आपको सभी दुखों के प्रति अजेय बना देगा।


सभी दुखो से मुक्ति एम अपार शक्ति, ऊर्जा प्राप्त करने के लिए संक्षिप्त और सटीक उपाय केवल भगवान श्री प्रतिदिन नामजप करना ही है। सनातन धर्म में भगवान के नाम की महिमा अपरम्पार है, जिससे साधक आनंद एवं प्रचुर प्रसन्नता को प्राप्त कर सकता है।
प्रतिदिन भगवान श्री के नाम का उच्चारण करने से ईश्वर और धर्म के प्रति हमारा झुकाव बड़ जाता है, और हमारी सभी समस्याओं और चिंताओं का नाश हो जाता है। जिससे हम और हमारा परिवार कल्याण, उन्नति और प्रगति के मार्ग पर स्थित हो जाता है।
हमारे प्राचीन गुरुओं और शास्त्रों में नाम जप के लिए कुछ आवश्यक बातें बतायी हैं। वे इस प्रकार हैं:
- नाम जप के लिए समय निश्चित करें, सबसे प्रभावी समय प्रातः का होता है जब अच्छाई प्रबल होती है।
- एक निश्चित स्थान का चयन करें, हर दिन एक ही जगह और अपने ही आसान पर बैठना फायदेमंद होता है।
- स्थिर मुद्रा में बैठें क्योंकि इससे मन स्थिर रहता है और एकाग्रता में सहायता मिलती है।
- हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। इससे जप की प्रभावशीलता बढ़ जाती है।
- जाप में सहायक के रूप में तुलसी माला का प्रयोग करें। माला को मध्यमा उंगली पर रखे और मोतियों 'के' अंगूठे का उपयोग करें। तर्जनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- माला के मुख्य मनके या मुकुट (सुमेरु) को पार न करें। जब आप सिर तक पहुंच जाएं तो पीछे मुड़ें।

वर्धनम संस्थान की विशेषताएं
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